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राज्य के प्रीमैट्रिक स्तर के 42 हजार से ज्यादा छात्रों की पिछले दो साल की छात्रवृत्ति सरकार खुद अदा करेगी। समाज कल्याण विभाग की विभिन्न छात्रवृत्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया को भी सरकार ने इस साल के लिए सरल कर दिया। कुंभ मेले में तय समय पर सभी निर्माण कार्य पूरे करने के लिए सरकार ने कमिश्नर और मेलाधिकार के अधिकार भी बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। शुक्रवार शाम सीएम आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट में 16 विषय आए थे, जिनमें एक को स्थगित कर दिया गया।

कौशिक ने बताया कि वर्ष 2017 से 2019 तक एससी वर्ग के प्रीमेट्रिक स्तर के 22 हजार 492 छात्र और वर्ष 2018-19 और 2019-20 में ओबीसी वर्ग के 20 हजार से ज्यादा छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई थी। प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति का धन नहीं दिया। कैबिनेट ने तय किया है कि इन छात्रों की छात्रवृत्ति के आठ करोड़ 15 लाख 36 हजार रुपये सरकार देगी। भविष्य में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने पर किसी त्रुटि होने पर आवेदन के निरस्त नहीं किया जाएगा। बल्कि उसे अस्थायी रूप से रोकते हुए गलती को सुधारने का मौका दिया जाएगा।

छात्रवृत्ति के सत्यापन में डीएम को अधिकार दिया गया है कि समाज कल्याण विभाग के स्तर से किए सत्यापन में 10 फीसदी की रैंडम जांच करेंगे। इसके आधार पर प्रक्रिया पूरी मान ली जाएगी। कौशिक ने बताया कि कुभ मेला में निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए कमिश्नर को पांच करोड़ और मेलाधिकारी को दो करोड़ रुपये तक के कार्य कराने का अधिकार दे दिया गया है।

सीएम के स्तर से इस प्रस्ताव को पहले मंजूरी दे दी गई थी, आज कैबिनेट ने भी इसकी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही मेलाधिकारी को किसी काम की अहमियत को देखते हुए उसका 50 फीसदी विस्तार करने का अधिाकर भी दे दिया गया है। हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार कुंभ मेले के लिए एसओपी तय करने के लिए केंद्र सरकार से एक दौर की वार्ता कर ली गई है।

यह भी हुआ फैसला
-राज्य की 21 कार्यदायी संस्थाओं में  से यूपी राजकीय निर्माण निगम और यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम बाहर
– एडीबी से मिली 132 एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी वर्तमान एजेंसी मैंसर्स कैंप को वर्ष 2018 की दर पर ही दिया
– हरिद्वार भी संतों को भूमि समाधि के लिए ध्यानकुंज के पास सिंचाई विभाग की 4.384 हैक्टेयर भूमि दी जाएगी
– गांव अथवा बीडीसी क्षेत्र निकाय में शामिल होने पर पंचायत प्रतिनिधि की सदस्यता खत्म न होगी, पंचायत एक्ट में संशोधन पर मुहर
– अल्मोड़ा में चौखुटिया ब्लॉक में सिंचाई विभाग की 0.26 हैक्टेयर जमीन सेंट्रल स्कूल को निशुल्क मिलेगी
– पर्यटन विकास परिषद में एसई, ईई का एक-एक और एई-जेई के दो-दो तकनीकी पद भी स्वीकृत
– बजट सलाहकार के रूप में एलएन पंत को नियुक्ति को मंजूरी, एक मार्च 2020 से 28 फरवरी 2020 तक पद को दी गई स्वीकृति
– कैबिनेट ने राज्य औषधि नियंत्रण सेवा नियमावली भी मंजूर की
– आरईएस की वित्तीय क्षमता पांच करोड से बढ़ाकर 15 करेाड़ रुपये की, निकाय में कार्य करने पर सेंटेज नहीं दिया जाएगा

बचा रहेगा पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल
 राज्य कैबिनेट ने पंचायत क्षेत्र को शहरी क्षेत्र में शामिल किए जाने के बावजूद पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बरकरार  रखने पर मुहर लगा दी है। अब तक किसी भी पंचायत प्रतिनिधि का निवास स्थान यदि निकाय में शामिल हो जाता था, तो उसकी सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती थी। कई बार बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य के मामले में उनका आधा निर्वाचन क्षेत्र बरकरार रहने के बावजूद सदस्यता जाने से विवाद रहता था। अब सरकार ने ऐसे मामलों में पंचायत प्रतिनिधियों को राहत दे दी है। यदि पंचायत प्रतिनिधि का कुछ हिस्सा भी, शेष है तो उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।

Journalist from Uttar Pradesh. At @News Desk he report, write, view and review Crcicket News. Can be reached at [email protected] with Subject line starting Umesh

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