मैच पूरा नहीं होने पर हिमाचल प्रदेश कैसे बना चैंपियन, किस नियम के तहत तमिलनाडु विजेता नहीं बनी
विजय हजारे ट्रॉफी 2021 का फाइनल मुकाबला रविवार को हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के बीच खेला गया, जिसमे हिमाचल प्रदेश ने बिना मैच समाप्त हुए जीत हासिल कर लिया। अब अवाल उठता है कि जब पूरा मैच समाप्त ही नहीं हुआ तो किस नियम के तहत हिमाचल प्रदेश को जीत दे दी गई? इस मुकाबले के दौरान दूसरी पारी में जब 47.3 ओवर में हिमाचल प्रदेश 299 रन बना चुकी थी, तब अंपायर ने मैच को रोकर हिमाचल प्रदेश को विजेता घोषित कर दिया।
मैच के दौरान अंपायर के इस निर्णय से किसी को कुछ भी समझ में नहीं आया। बता दें कि इस मैच के अंतिम क्षणों में हिमाचल प्रदेश के कप्तान ऋषि धवन और विकेटकीपर सलामी बल्लेबाज शुभम अरोड़ा लगातार खराब रोशनी की शिकायत कर रहे थे। जिस वजह से अंपायर ने 47.3 ओवर में मैच को रोक कर दोनों टीमों के कप्तानों से बात करने के बाद हिमाचल प्रदेश को वीजेडी नियम के तहत चैंपियन घोषित कर दिया। इस नियम के तहत हिमाचल प्रदेश की टीम को 47.3 ओवर तक कम से 288 रन होने चाहिए, लेकिन हिमाचल की टीम 299 रन बना बना चुकी थी और वो इस मामले में 11 रन आगे थे, जिसका उन्हें इसका फायदा हुआ।
वीजेडी नियम क्या है?
बता दें कि साल 1997 में पहली बार डकवर्थ लुईस नियम का इस्तेमाल किया गया था। फिर आईसीसी ने 1999 में इसे पूरी तरह लागू कर दिया। उसके बाद साल 2015 में इसका नाम बदलकर डकवर्थ लुईस स्टर्न रख दिया गया। यह नियम भारत के घरेलू क्रिकेट में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जब भी भारत में बारिश, मौसम या खराब रोशनी की वजह से किसी घरेलू मैच में बाधा आती है तो उस दौरान वीजेडी नियम का इस्तेमाल किया जाता है। जिसका इस्तेमाल एक बार फिर से विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में किया गया है।
हिमाचल की जीत से दिनेश कार्तिक शतक हुआ बेकार
इस मुकाबले में तमिलनाडु क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने 103 गेंदों पर 8 चौके और 7 छक्के की मदद से 116 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी, जिस वजह से उनकी टीम 314 रनों के स्कोर तक पहुचने में कामयाब रही थी। लेकिन हिमाचल प्रदेश के सलामी बल्लेबाज शुभम अरोड़ा के 136 रनों की पारी दिनेश कार्तिक की पारी पर भारी पड़ गया।