ये बात तो सब जानते है कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इण्डिया ने साल 2011 का वनडे वर्ल्डकप अपने नाम किया था. और इसमें कोई भी शक नहीं की ये सब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की बदौलत हो पाया. लेकिन क्या आप इस टूर्नामेंट का हिस्सा रहे उस खिलाडी के बारे में जानते है, जिसे मैदान में ही खून की उलटिया होने लगी थी, लेकिन फिर भी वो खिलाडी मैदान में डाटा रहा, और शतक लगाकर टीम इण्डिया की जीत में अहम योगदान दिया? चलिए जानते है.
टीम इण्डिया ने साल 1983 के बाद 2011 में ये वनडे वर्ल्डकप महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था. और इसमें सिक्सर किंग युवराज सिंह को ‘प्लेयर ऑफ़ दा टूर्नामेंट’ चुना गया था. लेकिन जब 20 मार्च को तेज गर्मी में चेन्नई के MA चिंदम्बरम स्टेडियम में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मुकाबला खेला तो उसमे अचानक से युवराज सिंह को खून की उल्टियाँ होने लगी थी. लेकिन पहले तो उन्हें लगा शायद ये गर्मी की वजह से हुआ, लेकिन इस बात का बाद में पता चला की युवराज सिंह को ये उल्टियाँ गंभीर बिमारी कैंसर की वजह से हुई थी.
दरअसल, जब 20 मार्च को MA चिंदम्बरम स्टेडियम में ये मुकाबला खेला गया था, तब भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोंनी ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. लेकिन भारतीय टीम की शुरुआत ही बेहद खराब हुई थी, जिसमे ओपनिंग बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर जैसे खिलाडी जल्द ही आउट हो गये. लेकिन इस मैच में वीरेंद्र सहवाग को मौका नहीं दिया गया था. जिस वजह से इनके बाद युवराज सिंह को बल्लेबाजी के लिए उतारा गया.
तब युवराज सिंह ने टीम को मजबूती देते हुए 90 रन बनाये ही थे, की तभी उन्हें खून की उलटिया होने लगी. किसी ने उनसे कहा भी की आप वापस चले जाए. लेकिन फिर युवी नहीं माने और मैदान में डंटे रहे. इसके बाद 123 गेंदों में 10 चौक्के और 2 छक्को की मदद से युवी ने 113 रन की धमाकेदार पारी खेली. और वर्ल्ड कप की जीत में अहम योग दान दिया.
इसके अलावा इस पुरे टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने 1 शतक, 4 अर्ध शतक के साथ 362 रन अपने नाम किया, और 15 विकेट भी लिए. जिसके लिए इन्हें मैन ऑफ़ दा सीरीज की ट्राफी भी मिली. इसके बाद एक इंटरव्यू में युवी ने इस घटना की जिक्र करते हुए बताया था की मैं 6 नंबर पर बल्लेबाजी करता था, लेकिन उस समय टीम में वीरू पाजी के ना होने से मुझे मौका मिला, और मैंने सोचा की आज तो बड़ा स्कोर करूँगा! लेकिन जब मुझे उस शतकीय पारी के दौरान उलटी हुई तो मैंने ईश्वर से ये ही प्रार्थना की कुछ भी हो मैं मर भी क्यों न जाऊ लेकिन वर्ल्डकप भारत ही जीते!