रक्षा बंधन से पहले भाई ने बहन को दिया जीवनदान, बहन को दान की किडनी, सर्जरी में लगे 7 घंटे
22 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जायेगा, इस त्यौहार में बहन अपने भाई को राखी बाँधती है, और भाई भी अपनी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है, इसी का फर्ज निभाते हुए एक भाई ने अपनी बहन की जान बचा ली है.
रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में तापी जिले के व्यारा तहसील निवासी लता अरविंद माह्यावंशी (42 वर्षीय) की किडनी 4 साल पहले फेल हो गई थी। जिसकी वजह से वो बीमार रहने लगी, काफी इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नही हुआ फिर लता को सूरत के मिशन अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग की डॉ. वत्सा पटेल को दिखाया गया।
डॉक्टर ने बताया की लता की जान तभी बच सकती है जब उनकी किडनी बदली जाये, पहले तो परिवार वाले सोच में पड़ गए की किडनी कहा से लाई जाए, अंग दान करने वालों को भी खोजा लेकिन कोई हल ना निकलातब लता के भाई हितेश ठाकुर (37 वर्षीय) ने उसे अपनी एक किडनी डोनेट करने का निर्णय लिया।
हितेश के इस निर्णय से हर कोई हैरान था परिवार वाले मना करने लगे लेकिन वो अपनी जिद पर अड़ रहा काफी समझने के बाद बाद अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। हितेश की एक किडनी निकाली गई।
रिपोर्ट के मुताबिक पुरे ऑपरेशन में नेफ्रोलॉजी डॉ. वत्सा, डॉ. अनिल पटेल, यूरोलॉजी के डॉ. चिराग पटेल, डॉ. कपिल ठक्कर, डॉ. नरेन्द्र पारेख, डॉ. राम पटेल, एनेस्थेसिया डॉ. राजीव प्रधान, डॉ. युवराज सिंह, डॉ. धवल वावलिया, आइसीयू डॉ. मिलन मोदी, डॉ. आशिष पटेल, पैथोलॉजी डॉ. हर्निष बदामी, रेडियोलॉजी डॉ. हिमांशु मंदिरवाला और माइक्रोबायलॉजी डॉ. फ्रेनिल मुनीम समेत अन्य नर्सिंग समेत 50 जनों के स्टाफ ने मदद की। चुनिंदा चिकित्सकों से तैयार टीम करीब 7 घंटे में सफल ऑपरेशन किया।