भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर की प्रोफेशनल लाइफ से तो सब लोग अच्छे से परिचित है, लेकिन अधिकांश लोग आज भी उनकी निजी लाइफ से अनजान है. जी हां.. भले ही लता मंगेशकर ने पुरे जीवनभर शादी नहीं की लेकिन इनके जीवन में भी प्यार का फूल जरुर खिला. कहा जाता है की लता मंगेशकर को राजस्थान के पूर्व डूंगरपुर के राजघराने के राज सिंह से प्यार हो गया था. और दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन परिवार की बेडियो की वजह से इन दोनों की शादी नहीं हो पाई.
राज सिंह लॉ की पढ़ाई करने आये थे मुँबई:-
दरअसल, डूंगरपुर के राजघराने के राज सिंह को क्रिकेट का काफी शौक था, और वो 1955 में रणजी टीम के सदस्य थे. इधर लता मंगेशकर को भी क्रिकेट से काफी लगाव था. लेकिन जब 1959 में राज सिंह लॉ की पढ़ाई करने मुबई आये तो उस दौरान राज सिंह की मुलाकत क्रिकेट के एक मैदान में लता जी के भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर के साथ हुई, और एक दिन लता के भाई अपने दोस्त राज सिंह को अपने घर लेकर गये. और उसी वक्त लता जी अपना दिल राज सिंह पर हार बैठी थी.
राज सिंह लता जी के गानों के थे दीवाने:-
इसके बाद इन दोनों में बातचीत क सिलसिला तो शुरू हुआ, लेकिन दोनों के अधिक बीजी होने की वजह से इनकी मुलाकात नहीं हो पाती थी. लेकिन जैसे ही इन्हें रिकॉर्डिंग से फुर्सत मिलती तो राज सिंह से मिलती. वही राज सिंह भी लता जी के गानों के दीवाने थे, जब उन्हें लता जी की कमी महसूस होती वो उनके गाने सुना करते थे. इतना ही नहीं राज सिंह हमेशा टेप रिकॉर्ड अपनी जेब में रखते थे, और उनके गाने सुनते और गुनगुनाते थे.
करना चाहते थे एक दुसरे से शादी, लेकिन..
राज सिंह और लता जी एक दुसरे के बहुत पसंद करते थे, और धीरे धीरे एक दुसरे से बेइंतहा प्यार करने लगे, दोनों शादी करना चाहते थे. और इस मामले में राज सिंह ने अपने घर वालो से बात भी की. लेकिन राज सिंह एक राजघराने से आते थे, वही लता जी एक साधारण परिवार से थी, ऐसे में इनकी शादी नहीं पाई. लेकिन ये फिर भी अलग नहीं हुए इन्होने एक साथ काफी समय बिताया.
कहते है की राज सिंह का जन्म राजस्थान के डूंगरपुर में एक राज परिवार में 1935 में हुआ था, वो डूंगरपुर के राजा लक्ष्मण सिंह के छोटे बेटे थे. क्योकि ये क्रिकेट के काफी करीब थे, इसके रहते इन्होने 86 फर्स्ट क्लास मैच खेले, इसके अलावा 20 सालो तक bcci के सदस्य रहे, और फिर सन 2009 में इनका निधन हुआ.