इसमें कोई शक नहीं है की महेंद्र सिंह धोनी अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान भारतीय टीम को सफलता के जिस मुकाम पर लेकर गये वो हर किसी के बस की बात नहीं है. इन्होने भारत को अपनी कप्तानी में एक या दो नहीं बल्कि 3 बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. इतना ही नही आईपीएल में भी इस खिलाडी ने अपनी सफलता के झंडे गाड़े और चेन्नई सुपर किंग्स को चार बार चैंपियन बनाया. इसी वजह से आज धोनी का नाम दुनिया के सबसे महानतम कप्तानो की सूचि में टॉप पर आता है.
हालाँकि, धोनी को भारत की क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. लेकिन जब इन्होने टीम में अपनी जगह बना ली उसके बाद कभी पीछे मुडकर नहीं देखा. और अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से भारतीय टीम की सबसे मजबूत कड़ी बने रहे. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसे भी खिलाडी थे जिनके पास भी काफी अच्छा टैलेंट था लेकिन धोनी के रहते इन्हें टीम में मौका नहीं मिल पाया. आज हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में आपको बताने वाले है.
1.पार्थिव पटेल:-
इस खिलाडी ने धोनी से पहले साल 2002 में भारत की वनडे और टेस्ट टीम में डेब्यू किया था, तब इस खिलाडी की उम्र केवल 16 थी. वही, धोनी ने इस खिलाडी के बाद भारतीय टीम में डेब्यू किया था इसके बावजूद भी पार्थिव पटेल अपने क्रिकेट कैरियर को धोनी जीतना नहीं चमका पाए. क्योकि जब धोनी टीम में आये तब धोनी के टैलेंट के आगे पार्थिव पटेल का टैलेंट फीका पड़ गया. जिस वजह से पार्थिव पटेल कभी भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए. बता दे की पार्थिव पटेल ने भारत के लिए 25 टेस्ट, 38 वनडे और कुल 2 टी 20 मैच खेले है.
2.दिनेश कार्तिक:-
जी हां, दिनेश कार्तिक का क्रिकेट कैरियर ही धोनी की वजह से ही बर्बाद हुआ था. इन दोनों ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत लगभग साथ साथ ही की थी. इन दोनों को साल 2007 में वनडे वर्ल्डकप में शामिल भी किया गया था. लेकिन धोनी के शानदार प्रदर्शन के आगे कार्तिक को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया. अब चुकी धोनी ही एक बेहतरीन विकेटकीपर भी थे इस लिहाज से भी कार्तिक टीम में कभी अभी अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए. हालाँकि धोनी के संन्यास लेने के बाद इस ख़िलाड़ी को अब टीम में मौका मिला है. और अब बेहतरीन प्रदर्शन भी कर रहे.
3.ऋद्धिमान साह:-
बात दे की जब धोनी भारतीय टीम में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे थे तब ऋद्धिमान साह बंगाल क्रिकेट टीम की तरफ से घरेलु क्रिकेट में अपनी दमदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने की कोशिश में लगे थे. बहरहाल साल 2010 में इन्होने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई भी. लेकिन धोनी के सामने खुद को स्टेबल नहीं रख पाए. हालाँकि जब धोनी ने टेस्ट से संन्यास ले लिया था उसके बाद इन्हें विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी मिली थी लेकिन वो भी कुछ ही समय के लिए. ऐसे में ऋद्धिमान साह भी अपने क्रिकेट कैरियर को सफल नहीं बना सके.