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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कहा कि राज्य में ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण’’ विषय पर सम्मेलन होना हमारे लिये गर्व की बात है। भारत आज दुनिया के मजबूत लोकतंत्र के रूप में खड़ा है। इस मजबूती के लिए पंचायतों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। गांवों के विकास के बगैर शहरों का विकास नहीं हो सकता है। विकास के लिए गांव और शहर एक दूसरे से पारस्परिक रूप से जुड़े हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए विकास का मॉडल भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है। ग्रामीण विकास के लिए स्थानीय उत्पादों, कच्चे माल एवं प्राकृतिक संसाधनों को सदुपयोग होना जरूरी है। उत्तराखण्ड में लगभग 16 हजार गांव हैं। उनकी आजीविका में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अलग-अलग उत्पादों पर आधारित 107 ग्रोथ सेंटर शुरू किये गये हैं। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने का कार्य राज्य में शुरू हुआ है। पिरूल की पत्तियों से ब्रेकेट्स बनाने का कार्य हो रहा है। पिरूल से ब्रेकेट्स बनाने के कार्य से इससे 40 हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है। इन्वेस्टर समिट के दौरान में  पर्वतीय क्षेत्रों 40 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट के लिए  एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना के तहत 25-25 किलोवाट तक की 10 हजार योजनाएं स्वीकृत की हैं। राज्य सरकार की ये योजनाएं पंचायतों को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।


मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सीमांत प्रदेश है। हम सीमाओं के सुरक्षा प्रहरी भी हैं। इसके लिए गांवों से पलायन का रूकना बहुत जरूरी है। राज्य में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास निधि योजना शुरू की गई है। हमारे सीमांत क्षेत्रों में कैसे लोग रहें, पर्यटक जायें। सीमान्त क्षेत्रों में लगातार आवाजाही रहे। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को भी सीमांत क्षेत्रों में कुछ दिन का भ्रमण जरूर करना चाहिए, ताकि ऐसे क्षेत्रों में रह रहे लोगों का मनोबल बढ़ा रहे। सीमांत क्षेत्रों में एनसीसी कैंप लगाये जायेंगे। राज्य सरकार ने पिछले पौने चार साल में साढ़े पांच सौ से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ने का का कार्य किया। हर घर में बिजली पहुंचाई है। राज्य के हर परिवार को 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य कवरेज देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी 14 लाख परिवारों को 2022 तक मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। साढ़ पांच लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। शहरी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। राज्य में पंचायतों में 50 प्रतिशत से अधिक जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं।  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य की माताओं और बहनों के सिर से घास की गठरी  हटे, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं, अधिकारियों को 05 साल के अन्दर इसका समाधान निकालने के लिए निर्देश दिये हैं, ताकि किसी महिला को जंगली जानवरों एवं दुर्घटनाओं का शिकार न होना पड़े।

Journalist from Uttar Pradesh. At @News Desk he report, write, view and review Crcicket News. Can be reached at [email protected] with Subject line starting Umesh

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