4 साल के थे जब सर से उठ गया पिता का साया, बहन को पढ़ाने के लिए भाई ने बेचे कपड़े, बहन ने सिविल जज बनकर किया नाम रोशन
यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की अंजुम सैफी ने 152वीं रैंक लाकर 2017 में PCS-J का एग्जाम को क्रैक किया था। अंजुम का जीवन संघर्षो से भरा रहा। जब अंजुम 4 साल की थी उसी समय उसके पिता की बदमाशों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
अंजुम के पिता रशीद अहमद होटल चलाते थे। अंजुम के बड़े भाई दिलशाद ने बताया मार्च 1992 में उनके पिता होटल के बगल ही एक दुकान पर खड़े थे।इसी बीच लगभग आधा दर्जन बदमाश पहुंचे और उस दुकानदार को रंगदारी न देने को लेकर पीटना शुरू कर दिया। अंजुम के पिता जब दुकानदार के बचाव में आए तो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। गोली उनके सीने में लगी जिससे उनकी मौत हो गई।
लेकिन अंजुम के बड़े भाई दिलशाद ने 16 साल की उम्र में ही पिता के व्यवसाय को सम्भालने का प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिली। एक महीने में ही होटल बंद हो गया। जिसके बाद दिलशाद ने एक रेडीमेड कपड़े की दुकान पर नौकरी कर ली। बेहद कम सैलरी के बाद भी किसी तरह परिवार चलने लगा। इसके बाद दिलशाद ने जूते की छोटी सी दुकान खोली लेकिन वह भी नही चल पाई। इन संघर्षों के बाद भी दिलशाद ने कभी अंजुम को पिता की कमी महसूस नही होने दी।
अंजुम की पढ़ाई मुजफ्फरनगर में ही पूरी हुई। डीएवी कालेज से लॉ करने के बाद अंजुम ने शहर के ही कमल क्लासेज में कोचिंग शुरू कर दी। कोचिंग अंजुम के घर के नजदीक थी।अंजुम अपने कोचिंग की सबसे अच्छी स्टूडेंट थी। अंजुम के टीचर उसके भाइयों से हमेशा अंजुम की तारीफ़ करते थे। अंजुम के भाई दिलशाद बताते हैं कि लोग कहते थे कि दिल्ली या बड़े शहरों में कोचिंग करने वाले बच्चे ज्यादातर सिलेक्ट होते हैं। लेकिन अंजुम हमेशा अपने घर में यही कहती थी कि मुझे पूरा भरोसा है और मै यहीं पढ़ कर सिविल एग्जाम क्रैक करूंगी।
अंजुम के भाई दिलशाद बताते हैं कि लोग हमसे कहते थे कि इस कोचिंग में सारे टीचर हिन्दू हैं और आप मुस्लिम। मुजफ्फरनगर में सितम्बर 2013 में जब मुजफ्फरनगर दंगों की आग में जल रहा था उस समय भी अंजुम कोचिंग जाती थी। हालात पहले से ही खराब हैं ऐसे में अंजुम की कोचिंग बंद करा दीजिए। लेकिन मैंने कभी ये बातें नही मानी। मै हमेशा हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई वाले जुमले पर यकीन करता हूँ।
दिलशाद बताते हैं 2016 में जब अंजुम ने PCS-J का एग्जाम दिया तो वह इतनी कांफीडेंट थी कि उसने पहले ही बता दिया था कि रिजल्ट अच्छा ही आएगा। लेकिन जब 2017 में PCS-J का रिजल्ट आया तो अंजुम सिलेक्ट हो गई थी। उसने अपने जज्बे और मेहनत के डीएम पर ये मुकाम हासिल कर लिया था।