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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के युवाओं के साथ ही कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार एवं रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिये विभागीय सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने इस कार्यक्रम को मिशन मोड में संचालित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सचिवालय में कोविड-19 के दृष्टिगत पलायन आयोग द्वारा राज्य में लौटे प्रवासियों को आजीविका के मुख्य स्त्रोत के विश्लेषण एवं इस सम्बन्ध में की गई सिफारिश से सम्बन्धित पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कौशल विकास एवं सेवा योजना विभाग द्वारा राज्य की भावी कौशल विकास कार्यक्रमों की रणनीति रोजगार हेतु उच्च तथा मध्यम क्षेत्रों को चिन्हित कर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु प्रशिक्षित किये जाने से सम्बन्धित पुस्तुतीकरण पर भी चर्चा की।


मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके लिये सभी सम्बन्धित विभाग रोजगार परक योजनाओं के चिन्हीकरण के साथ ही आपसी समन्वय के साथ कार्ययोजना पर ध्यान दें। प्रशिक्षित युवाओं का बेहतर मार्गदर्शन के साथ ही जिस क्षेत्र में युवा अपनी अभिरूचि दिखाये इसके लिये उनके मार्गदर्शन की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन एवं ग्राम्य विकास विभाग (उत्तराखण्ड राज्य आजीविका मिशन) के मध्य एम.ओ.यू हस्ताक्षरित किया गया। इस सहभागिता से ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत स्थापित स्वये सहायता समूहों को रूरल सेल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन के माध्यम से किये जाने की योजना के साथ ही ‘‘इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड सपोर्ट प्रोजेक्ट’’ के अन्तर्गत राज्य का ब्राँड विकसित किये जाने की भी योजना है।

इसके साथ ही उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन, तकनीकी शिक्षा एवं नेसकॉम के मध्य त्रिपक्षीय एम.ओ.यू हस्ताक्षरित किया गया, जिसके अन्तर्गत तकनीकी शिक्षा विभाग के छात्र-छात्राओं को फ्यूचर स्किल्स/हाई एंड स्किल्स में प्रशिक्षित कर रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों से जोड़े जाने की योजना है। इस सहयोग से युवाओं को नवीनतम कौशल में दक्ष कर उनकी रोजगारपरकता में वृद्धि किये जाने हेतु कार्य योजना तैयार की गई है।

इन दोनों एमओयू का उद्देश्य राज्य के युवाओं के कौशल में गुणात्मक सुधार कर उन्हें रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों से जोडना है, ताकि राज्य से हो रहे पलायन पर अंकुश लगाया जा सके तथा युवाओं को स्थानीय स्तर पर आजीविका के अपसर उपलब्ध हो सके। गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के संबंध में यू.एन.डी.पी द्वारा इस अवसर पर स्वरोजगार एवं कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण भी प्रस्तुत किया गया।
पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस.एस. नेगी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में लौटे 3.57 लाख प्रवासियों में से एक लाख प्रवासी वापस लौटे हैं। सितम्बर, 2020 के अंत तक कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में लौटे प्रवासियों में से लगभग 29 प्रतिशत पुनः पलायन कर गए हैं। राज्य में लौटे प्रवासियों में से लगभग 71 प्रतिशत अपने मूल निवास या उसके पास के क्षेत्रों में चले गए हैं। इनमें से लगभग 33 प्रतिशत कृषि, पशुपालन आदि, 38 प्रतिशत मनरेगा, 12 प्रतिशत स्वरोजगार तथा 17 प्रतिशत अन्य पर आजीविका पर निर्भर हैं।

Journalist from Uttar Pradesh. At @News Desk he report, write, view and review Crcicket News. Can be reached at [email protected] with Subject line starting Umesh

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